भारत की सनातन परंपरा, वेद, तप और सेवा को जनमानस तक पहुँचाना, ताकि हर व्यक्ति धर्म, आत्मज्ञान और राष्ट्र सेवा के मार्ग पर अग्रसर हो।
प्रसार
भगवान परशुराम के जीवन और विचारों का प्रचार-प्रसार । ताकि समाज को उनके तप, न्याय, शौर्य और धर्म की रक्षा के लिए उठाए गए कार्यों की प्रेरणा मिले।
संरक्षण
ऋषियों की परंपरा को जीवित रखते हुए यज्ञ, वेदपाठ और साधना केंद्रों का संचालन । जिससे वैदिक संस्कृति और ज्ञान का उत्तराधिकार अगली पीढ़ियों तक सुरक्षित और जीवंत रह सके।
सेवा
गौसेवा, संतसेवा, अन्नदान और सेवा कार्यों के माध्यम से समाज में धार्मिक चेतना फैलाना । ताकि सेवा को ही धर्म का आधार मानते हुए हर प्राणी में ईश्वर को देखा जा सके।
प्रेरणा
युवाओं को आत्मबल, राष्ट्रप्रेम और संस्कृति से जोड़ना । जिससे वे आधुनिक जीवनशैली के साथ अपनी जड़ों से जुड़कर संतुलित और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
ध्यान
प्राकृतिक वातावरण में ध्यान, साधना और योग को प्रोत्साहित करना । ताकि मानसिक शांति, आत्मिक उन्नति और जीवन की दिशा को खोजने में सहायता मिल सके।
अनुभव
पर्यटकों, श्रद्धालुओं और शोधार्थियों के लिए पवित्र, शुद्ध और प्रेरणादायक वातावरण बनाना । जहाँ लोग सनातन संस्कृति का सजीव दर्शन कर सकें और आंतरिक रूप से जुड़ाव महसूस करें।
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