About

Layer 114@2x
आश्रम का इतिहास

श्री जामदग्नेय जन्म स्थलीरेणुका तीर्थ

भगवान परशुराम जी, महर्षि भृगु के वंशज और महर्षि जमदग्नि के पुत्र, का जन्म इसी पवित्र स्थली पर हुआ था। सत्ययुग से ही यह आश्रम एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में पूजनीय रहा है। लगभग 95 लाख वर्षों से इस आश्रम में भगवान परशुराम जी का निवास रहा, जहाँ सदैव हवन और यज्ञ होते रहे हैं। पृथ्वी मंडल के अनेक साधु-संतों ने इस आश्रम में रहकर भगवान परशुराम जी से धर्म-शिक्षा प्राप्त की। द्वापर युग में भगवान परशुराम जी ने कई राजवंशों के राजाओं को शस्त्र विद्याओं की शिक्षा इसी स्थान पर दी। इसी पवित्र स्थल पर माता कामधेनु का अपहरण माहिष्मती नगरी के राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन द्वारा कर लिया गया था। इसके बाद राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन ने महर्षि जमदग्नि की हत्या कर दी। इस घटना से भगवान परशुराम का क्रोध भड़क उठा। उन्होंने दुराचारी, अधर्मी राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन तथा उसके हैह वंश का 21 बार पृथ्वी से विनाश कर दिया। इसके बाद आश्रम की पुनः स्थापना की गई। मुगल काल के दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी ने इसी आश्रम से भारत वर्ष के बावन अखाड़ों की स्थापना प्रारंभ की। इसके बाद गुरु-परंपरा के अनुसार सैकड़ों साधु-महात्माओं और संतों ने यहाँ तपस्या की, यज्ञ किए और इस स्थल की पवित्रता को आज तक बनाए रखा है।
शंख
कमल
Service

संकल्प

Senectus et netus et malesuada. Cum sociis natoque penatibus et magnis dis parturient. A arcu cursus vitae congue mauris rhoncus aenean vel elit laoreet id.
Buddha

Our Member Says

Nisl suscipit adipiscing bibendum est ultricies integer quis. Diam ut venenatis tellus in metus tortor consequat id porta nibh vene.
Layer 114@2x
Programs

Upcoming Events

Pharetra convallis posuere morbi leo urna molestie at elementum. Eu turpis egestas pretium aenean pharetra magna. Vel fringilla est ullamcorper.
Trending

Latest News & Blogs

Morbi tristique senectus et netus et malesuada fames. Risus sed vulputate odio ut enim blandit volutpat maecenas. Risus viverra adipiscing at.
No Posts Found in Category 16